अजीत जोगी यदि मान गये तो उन्हें काग्रेस पार्टी राज्यपाल बनाकर झारखण्ड भेजना चाहती है । इस समाचार का अलग अलग लोगों पर अलग अलग प्रभाव पड़ना स्वाभाविक ही है । अजीत जोगी काग्रेस पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाइ के दमदार नेता के रुप जाने पहचाने जाते रहे हैं । पार्टी में एक शून्य आ जायेगा । यह जरुर है कि दूसरे नेताओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा । कुछ लोग छत्तीसगढ़ में पिछले दो चुनाओं में काग्रेस पार्टी की करारी हार का ठीकरा अकेले अजीत जोगी के सर पर फोड़ना चाहते हैं, उन्हें यह कहने के लिये मौका मिल जायेगा कि वे सही थे । काग्रेस हाईकमान भी यही सोचती है तभी तो अजीत जोगी को छत्तीसगढ़ से हटा दिया ।
कहा तो यह जाता है कि भाजपाई इस मुद्दे पर दो खेमो में बंटे हुए हैं । एक खेमा जिसके नेता दिलीप सिंह जुदेव हैं , अजीत जोगी को बिल्कुल ही महत्व नहीं देता । हालांकि दमदार प्रतिद्वंदी के रुप में उनके महत्व से इनकार करना किसी के लिये भी संभव नहीं दिखता । दूसरा खेमा के लिये अजीत जोगी बहुत बड़े अवरोध हैं, जो हर समय उनकी राह में बाधा डालने के लिये तत्पर रहता है ।
कुछ जानकार इसे काग्रेस पार्टी की रणनीति का हिस्सा मानते हैं । उनका कहना है कि सोनिया जी का अजित जोगी पर बहुत भरोसा है । वे उनको झारखण्ड का राज्यपाल बनाकर झारखण्ड में काग्रेस पार्टी की राह आसान करना चाहती हैं ।
जो भी हो यह तय है कि यदि अजित जोगी झारखण्ड जाते हैं तो छत्तिसगढ़ एवं झारखण्ड के राजनीतिक परिदृश्य मे वयापक बदलाव आना आवश्यमभावी है ।
गुरुवार, 4 जून 2009
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